हमारा इन स्वयं घोषित पैगंबरों से निवेदन है भौतिक जांच कर लो खान सर की। वे तैयार हो जायेंगें देख लो तसल्ली कर लो खतना हुआ है या नहीं भग्न शिश्नाग्र हैं खान साहब या नहीं। ये नेक दिल इंसान आपकी तसल्ली के लिए हाज़िर हो जाएगा -हमारे लिए वह फरिश्ता है अमित सिंह हो या फैज़ल कोई फर्क नहीं पड़ता ,जेहादी नहीं हैं खान सर !जेहादी सोच का प्रसार आप फतवा खोर कर रहें हैं।
इन दिनों ....... एक यूटूबर हैं -पटना वाले खान सर !आप पटना में जीएस रिसर्च सेंटर चलाते हैं।लोक डाउन के दौर में गरीब छात्रों की मदद के लिए आप आन लाइन शिक्षा दान करने लगे। कुछ जेहादी मानसिकता के इमाम ,मौलाना और हाज़ी फतवा खोर इन दिनों आपका आनुवंशिक विश्लेषण आनुवंशिक अनु-क्रम शोध रहे हैं।ये पाज़ी हैरान परेशां हैं आखिर ये शख्स कौन हैं जो एक सांस में कलमा भी पढ़ लेता हैं महामृत्युंजय मन्त्र , गायत्री पाठ भी कर लेता है। इदुलजुहा ,ईदुल्फित्र भी मनाता है कृष्णजन्माष्टमी भी। रक्षा सूत्र भी बंधवाता है अपनी छात्राओं से माथे पे तिलक भी लगवा लेता है। कौन है ये काफिर खान सर ! बकौल इनके ये और कुछ भी हो सकता है मुसलमान नहीं। इन्हें नहीं मालूम कुछ लोग हिन्दू मुसलमान नहीं सच्चे इंसान होते हैं। राष्ट्रीय संपत्ति बन जाते हैं अपने जीवन काल में ही मोहम्मद रफ़ी साहब ,संगीतकार नौशाद अली साहब की तरह। और अब तलत अज़ीज़ साहब की मानिंद हमारे सर्वकालिक अज़ीमतर रहे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम साहब की तरह। अमीर खुसरो साहब जी गाते हैं : छाप तिलक धर दीन्हीं रे ,त...