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Showing posts from April, 2021

Interview: Doctors explain what Indians should do if they start showing Covid-19 symptoms

  Interview: Doctors explain what Indians should do if they start showing Covid-19 symptoms What is the best way to deal with the progression of the disease? Two doctors explain. Govindraj Ethiraj, IndiaSpend.com Yesterday · 01:30 pm In India, the number of beds and Covid-19 patients is very disproportionate. | Adnan Abidi / Reuters The number of reported Covid-19 cases in India in 24 hours has crossed 3,49,691 on Sunday, the highest for any country in the world at this point, and in the pandemic’s history. The Covid-19 we are now seeing is a little different from what we saw in 2020. A lot of younger people are being infected and also showing more severe symptoms than before. The disease is also far more infectious than before. With the medical infrastructure collapsing across India and shortages in medicines and oxygen and hospital beds, what should patients be doing? How do they know that they have crossed the point where home care is no longer enough? ADVERTISEMENT We put these que

बहुत संक्रामक है कोरोना का नया स्‍ट्रेन, लेकिन आपके जान को कितना खतरा? जानिए विशेषज्ञों का क्या है कहना है साथ में एंटीवायरल विराफीन की आश्वस्त करती दस्तक भी :

बहुत संक्रामक है कोरोना का नया स्‍ट्रेन, लेकिन आपके जान को कितना खतरा? जानिए विशेषज्ञों का क्या है कहना है साथ में एंटीवायरल विराफीन की आश्वस्त करती दस्तक भी : जहां भारत में कोविड मामले सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं, तो वहीं देश के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट और चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनावायरस के नए उपभेद इतने खतरनाक नहीं हैं जितना कि कई लोग मानते हैं। फोटो: IANS नवजीवन डेस्क Updated: 23 Apr 2021, 4:40 PM Engagement:  552 जहां भारत में कोविड मामले सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं, तो वहीं देश के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट और चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनावायरस के नए उपभेद इतने खतरनाक नहीं हैं जितना कि कई लोग मानते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (एनआईआई) के निदेशक अमूल्य पांडा ने आईएएनएस को बताया कि "वायरस के नए उपभेद तेजी से फैल रहे हैं, जिससे अधिक संख्या में सांस फूल रही है, लेकिन पिछले लोगों की तुलना में इसकी घातक दर इतनी खतरनाक नहीं है।" एनआईआई प्रमुख, जिन्होंने कोविड 19 के लिए एक नई प्रोटीन आधारित वैक्सीन विकसित करने में शीर्ष वैज्ञानिकों की एक टीम का नेतृत्व किया है, उन

कल इनकी माँ मर जाए ये उस पर भी वोट की राजनीति करेंगे। आज राहुल कर रहें हैं कोरोना सुनामी पर मृतकों का उपहास। कल इनकी एक बंगाली चाची का एक विडिओ -टेप लाशों संग चुनाव प्रचार करने का खूब सुना देखा गया।

कल इनकी माँ मर जाए ये उस पर भी वोट की राजनीति करेंगे। आज राहुल कर रहें हैं कोरोना सुनामी पर मृतकों का उपहास। कल इनकी एक बंगाली चाची का एक विडिओ -टेप लाशों संग चुनाव प्रचार करने का खूब सुना देखा गया। 'सामना 'वीर बरसों से एक करतब दिखला रहें हैं -अपनी शेव बनाओ साबुन सामने वाले के मुंह पे फेंक दो।  यही हैं अर्बन नक्सल जो औरों को फासिष्ट कहते हैं ,हैं खुद इनके अब्बाजान। संरक्षक।   औरों को वामपंथी आतंकी कहते हैं कौन नहीं  जानता इन टिकैत सोच टिकैत वाणी बोलने वाले राजनीति के धंधे -बाज़ों को ? दल्लियों को।राहुल सोच के फिरंगियों को।  खूनी प्रधानमन्त्री सम्बोधन का इस्तेमाल सबसे पहले दस जन पथ में बैठी टिकैत की फूफी ही ने किया था-आते ही इस इटली की अम्मा ने जयेन्द्र सरस्वती को प्रताड़ित किया था चर्च के इशारों पर ,पाल घाट  साधुओं की हत्या  कोई अभिनव कारनामा नहीं था इनका स्वामी करपात्री महाराज को कौन भूला है इनकी अगुवाई में साधू संतों ने गौ ह्त्या बंदी  आंदोलन के समर्थन में प्रियदर्शनी लोकतंत्र प्रिया इंदिरा गाँधी के दौर में प्रदर्शन किया था ,संसद की ओर कूच के दौरान ३०० साधुओं को गोलियों से भुनव