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बहुत संक्रामक है कोरोना का नया स्‍ट्रेन, लेकिन आपके जान को कितना खतरा? जानिए विशेषज्ञों का क्या है कहना है साथ में एंटीवायरल विराफीन की आश्वस्त करती दस्तक भी :

बहुत संक्रामक है कोरोना का नया स्‍ट्रेन, लेकिन आपके जान को कितना खतरा? जानिए विशेषज्ञों का क्या है कहना है साथ में एंटीवायरल विराफीन की आश्वस्त करती दस्तक भी :

जहां भारत में कोविड मामले सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं, तो वहीं देश के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट और चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनावायरस के नए उपभेद इतने खतरनाक नहीं हैं जितना कि कई लोग मानते हैं।

फोटो: IANS
फोटो: IANS
नवजीवन डेस्क

नवजीवन डेस्क

जहां भारत में कोविड मामले सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं, तो वहीं देश के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट और चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनावायरस के नए उपभेद इतने खतरनाक नहीं हैं जितना कि कई लोग मानते हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (एनआईआई) के निदेशक अमूल्य पांडा ने आईएएनएस को बताया कि "वायरस के नए उपभेद तेजी से फैल रहे हैं, जिससे अधिक संख्या में सांस फूल रही है, लेकिन पिछले लोगों की तुलना में इसकी घातक दर इतनी खतरनाक नहीं है।"

एनआईआई प्रमुख, जिन्होंने कोविड 19 के लिए एक नई प्रोटीन आधारित वैक्सीन विकसित करने में शीर्ष वैज्ञानिकों की एक टीम का नेतृत्व किया है, उन्होंने कहा कि अभी तक, शुरूआती निष्कर्ष बताते हैं कि वायरस के विभिन्न नए उपभेद खतरनाक हो सकते हैं लेकिन पहले वाले लोगों की तुलना में अधिक खतरनाक नहीं हैं।

पांडा ने दोहराया, जो बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के विजिटिंग साइंटिस्ट भी हैं, "हम अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि वे (कोविड के नए तनाव) हमारे लिए निकट भविष्य में कैसे होंगे, लेकिन अब वे इतने खतरनाक नहीं हैं"

नए कोरोनावायरस उपभेदों के व्यवहार पैटर्न के बारे में बताते हुए, पांडा ने कहा, "इस वायरस का मूल गुण यह है कि यह उत्परिवर्तन करता रहता है। उदाहरण के लिए, बस एचआईवी वायरस देखें। अभी कई दशक हो गए हैं लेकिन हम एक वैक्सीन विकसित नहीं कर पाए हैं। एचआईवी के खिलाफ, इसका कारण यह है कि एचआईवी वायरस दैनिक आधार पर उत्परिवर्तित होता है।"

देश के विभिन्न राज्यों में कोविड 19 के ट्रिपल म्यूटेंट पर, प्रमुख रेडियोलॉजिस्ट संदीप शर्मा ने कहा कि हमें यह पता लगाने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है कि यह नया संस्करण कितना शक्तिशाली है।

"ऐसी खबरें हैं कि यह संस्करण अब तक ज्ञात अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है। लेकिन इस तथ्य को स्थापित करने के लिए ठोस डेटा होना चाहिए। मैं केवल इतना कह सकता हूं " सौ से अधिक सकारात्मक रोगियों के सीने के सीटी स्कैन की रिपोर्ट के अनुसार ,शर्मा ने कहा, "हाल ही में, उनमें से कई की हालत गंभीर थी, लेकिन अनुपयोगी नहीं थी" शर्मा ने कहा, "मेरा मानना है कि वर्तमान में दूसरी लहर में प्रारंभिक कुप्रबंधन के कारण अराजकता अधिक है। संख्याएं बहुत कम हो गईं क्योंकि हम में से अधिकांश आत्मसंतुष्ट है।"

भारत में कोविड 19 वायरस के नए उत्परिवर्ती के प्रभाव और प्रसार पर, अग्रणी माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रोफेसर प्रत्यूष शुक्ला ने कहा कि "हालांकि इसका आकलन करना जल्दबाजी होगी लेकिन नया तनाव अलग है और इससे निपटनी थोड़ा मुश्किल है।"

पूर्व एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया (एएमआई) के महासचिव शुक्ला ने कहा, "रोकथाम के लिए सभी प्रयास किए जाने का मतलब है कि कोविद प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन करना मुख्य रूप से मास्क पहनना।"

आईएएनएस के इनपुट के साथ

घबराइए मत इलाज़ हाज़िर हो गया है आप तक भी पहुंचेगा बस थोड़ा सा धैर्य और कोरोनायोचित अनुशासन चाहिए :


https://blog.scientificworld.in/2021/04/zydus-receives-emergency-use-approval.html

मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है 

विघ्नसंतोषी राहुल -ममता -केजरीवाल सोच के लोग लाख सही आखिर में कोविड  के  बहरूपिया प्रतिरूपों के खिलाफ यह जंग भारत ही जीतेगा।हर्ष का विषय है दवा निर्माता निगम जाइडस कैडिला ने इसके खिलाफ एक कारगर दवा की आज़माइशें कई चरणों में कामयाबी के साथ  संपन्न कर ली हैं ,उम्मीद है ये दवा जो हफ्ते भर में संक्रमित हो चुके लोगों को ब्रितानी ,दक्षिण अफ़्रीकी ,डबल म्युटेंट इंडियन वेरिएंट तथा अन्य सभी प्रतिरूपों से मुक्त कर देगी नीरोग बना देगी।दवा को महा -नियंत्रक भारत सरकार (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया )से  मंजूरी मिल गई है। 

टीके के रूप में ये वेक्सीन अस्पतालों के माहिरों की सिफारिश के बाद ही मरीज़ को लगाईं जाएगी।मझोले एवं उग्र लक्षणों से ग्रस्त मरीज़ों भी  को ये वेक्सीन हफ्ते भर में विषाणु मुक्त कर देगी। 

ग़ौर तलब है कोवेक्सीन और कोविशील्ड वेक्सीन संक्रमण से पहले लगाईं जाती हैं  बचावी टीके के रूप में ताकि फिर भी संक्रमण की चपेट में आने पर किसी की मृत्यु न होने पाए ,टीके के बाद संक्रमण की दर भी ०. ० ४ ही पाई गई है।अफवाहों से बचें टीके कारगर हैं।फ़ौरन लगवाएं।  

विराफीन जैसी कारगर ऐसी एंटीवायरल ड्रग का दुनिया भर में इंतज़ार रहा है। आप अनुमान लगा सकते हैं यह कितनी बड़ी खबर है हम सबके लिए। यह कारगर तरीके से ऑक्सीजन देने की अवधि को भी कमतर करेगी। भारत भर में २० -२५ कोविड केंद्रों पर यह कामयाबी पूर्वक आज़माई जा चुकी है।

इस दवा विराफिन का टीका लगने के हफ्ते बाद चर्चित आरटीपीसीआर परीक्षण के नतीजे नेगेटिव मिलें हैं। इसे ९१. १५ फीसद कारगर पाया गया है। यह अन्य वायरल संक्रमणों पर भी काम करेगी। डॉ शर्विल पटेल बधाई के पात्र है जिन्होंने यह खबर न्यूज़ चैनलों के माध्यम से  दी है। आप जायडस कैडिला के प्रबंध निदेशक है। 

तीन चरणों की आज़माइशों में संक्रमण ग्रस्त रोगियों में अप्रत्याशित सुधार दिखलाई दिया है। पूरी तरह से कारगर दक्ष और निरापद है इसका इस्तेमाल ,संकोच न करें। 

स्वास्थ्य आपदा की इस वेला में हर व्यक्ति कोरोना शील्ड बन खड़ा हो -डबल मास्क पहने (ताकि वायरस छ: परतों )को न बींध सके ,हाथ धोते रहें लाइफबोय साबुन  से दो गज़ की दूरी बनाके रखें। भीड़ वाले स्थानों पर न जाएँ। खुले में जहां इक्का दुक्का लोग ही हों आप दो मास्क लगा के मज़े से टहल करें। 

हरे कृष्णा !     


       

 Ahmedabad, April 23 (IANS) Zydus Cadila on Friday announced it has received restricted Emergency Use Approval from the Drug Controller General of India (DCGI) for the use of antiviral 'Virafin' in treating moderate Covid-19 infection in adults.

The single dose subcutaneous regimen of the anti-viral drug reduced the need for supplemental oxygen, indicating that it was able to control respiratory distress and failure -- one of the major challenges in treating Covid-19, according to results of a multicentric trial conducted in 20-25 centres across India.

About 91.15 per cent of patients treated with the drug were RT-PCR negative by day seven, the company said in a statement.

The drug has also shown efficacy against other viral infections, it added. It will be available on the prescription of a medical specialist for use in hospital/institutional setup.

"The fact that we are able to offer a therapy which significantly reduces viral load when given early on can help in better disease management. It comes at a much-needed time for patients and we will continue to provide them access to critical therapies in this battle against Covid-19," Dr Sharvil Patel, Managing Director, Cadila Healthcare Ltd, said in a statement.

In its Phase 3 clinical trials, the therapy showed better clinical improvement in the patients suffering from Covid-19.

Earlier the Phase 2 clinical trials study established the early safety, efficacy and tolerability of Virafin and indicated that Pegylated Interferon alpha-2b had significant statistical clinical impact on the patient suffering from moderate Covid 19 disease by reducing their viral load helping in better disease management such as reduced duration of oxygen support.

--IANS

rvt/vd

viru bhai (virendra sharma )

#870/31 ,GF ,Near Faridabad Model School ,Faridabad -121 003   

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