यह आकस्मिक नहीं है कि नेहरुपंथी कांग्रेस के अवशेषी युवराज को केजरीवाल -२ कहा जाने लगा है। आखिर दोनों में अद्भुत साम्य जो है। दोनों को ही दुर्योधन की तरह भारत में अपने अलावा कोई सद्पुरुष दिखलाई नहीं देता। दोनों ही स्वामी असत्यानन्द के रूप में जाने जाते हैं। औरों को 'तू' खुद को 'आप 'कहकर दोनों ही गौरवान्वित होते रहें हैं। राहुल जमानत पर हैं उनका अब कोई और क्या बिगाड़ लेगा इसीलिए वे -बे -लगाम होकर अपभाषा का अपमार्जन कर रहें हैं।
*राफेल*
एक प्रतिक्रिया नीचे दी गई खबर पर :
'राफेल मुद्दे पार राहुल की बदज़ुबानी '
बीजेपी ने कांग्रेस पर युद्धक विमान के सौदे को बर्बाद करने के लिये ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश’’ में शामिल होने का आरोप लगाया. भाजपा ने आरोप लगाया कि गांधी ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ में संलिप्त हैं. पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद इस ‘गठजोड़’ का हिस्सा हैं. इसका मकसद इस खरीद को नाकाम करना है. भाजपा ने दावा किया कि वाड्रा से जुड़ी फर्म को फायदा पहुंचाने के लिये कांग्रेस प्रमुख इस सौदे को नाकाम करना चाहते हैं.
राहुल होंगे भारत के अगले प्रधानमंत्री
भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने इस साजिश में पाकिस्तान की भूमिका का भी संकेत देते हुए कहा कि उसके एक नेता, पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक, ने ट्वीट भी किया है कि राहुल गांधी भारत के अगले प्रधानमंत्री होंगे.
वीडियो हो रहा है वायरल
आरोप-प्रत्यारोप का दौर बेहद तेजी से चला और कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया जिसमें दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को राफेल के अनुबंध में एचएएल के साथ ‘‘जिम्मेदारी साझा’’ करने के बारे में बता रहे थे, और संकेत दे रहे थे कि यह लगभग तय था. कांग्रेस ने दावा किया कि यह वीडियो मार्च 2015 का था, करार की घोषणा से महज कुछ दिन पहले का. हालाकि वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकी.
17 दिन में हुई डील
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा, ‘महज 17 दिन की अवधि में क्या हुआ क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मेगा डील से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को परित्यक्त करते हुए 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में 36 राफेल जेट खरीदने की घोषणा की.’
भाजपा का आरोपों से इंकार
पार्टी ने तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर का एक अन्य वीडियो भी जारी किया जिसमें वह आठ अप्रैल 2015 को एक संवाददाता सम्मेलन में यह कह रहे हैं कि एचएएल इस करार में है. भाजपा ने कांग्रेस के सौदे में कुछ गलत होने और रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने के आरोपों को खारिज किया .
सौदे को नाकाम करने की कोशिश
राफेल सौदे के लिये भारत सरकार के अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को साझेदार बनाने के लिये दसॉल्ट एविएशन को प्रस्ताव दिये जाने संबंधी ओलांद की टिप्पणी के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी और वह कैसे गठजोड़ के हिस्से के तौर पर जुड़े हैं, और इस सौदे को नाकाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं, इसे समझने की जरूरत है.’
गांधी साजिश में शामिल
शेखावत ने कहा कि सौदे को नाकाम कराने, देश को बदनाम करने और भारतीय वायुसेना का मनोबल गिराने के लिये एक साजिश की जा रही है. शेखावत ने आरोप लगाया कि गांधी ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ में संलिप्त हैं.
भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला
यह पूछे जाने पर कि क्या विदेश दौरे के दौरान राहुल गांधी की विदेशी नेताओं से मुलाकात इस ‘साजिश’ का हिस्सा है, उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से हां.’ इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से मुलाकात की व अरबों डॉलर के इस सौदे में कथित भ्रष्टाचार में मामला पंजीकृत करने की मांग की और कहा कि यह अब भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला बन गया है.
शहीदों का हक छीना गया
गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है जो फ्रांसीसी प्रकाशन ‘मीडियापार्ट’ वेबसाइट की एक रिपोर्ट से संबंधित है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘यह कमांडर इन थीफ़ के बारे में दुखद सच है.’ अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि देश के ‘चौकीदार’ मोदी ने गरीब शहीदों और जवानों से रूपये छीनकर उन्हें उद्योगपति अनिल अंबानी को दे दिया.
ओलांद की टिप्पणी सिर्फ एक संयोग
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाये जाने में अंतरराष्ट्रीय आयाम का भी आरोप लगाया और कहा कि ओलांद की टिप्पणी सिर्फ एक संयोग नहीं थी.
कांग्रेस के पास नहीं ठोस सबूत
जयपुर में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गांधी को एक ‘दिशाहीन नेता’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस प्रमुख और उनकी पार्टी को सत्ता में वापसी की कोई उम्मीद नहीं है इसलिये वे भाजपा सरकार के खिलाफ झूठ और अटकलों के आधार पर अभियान खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि गांधी के पास राफेल सौदे को लेकर सरकार के खिलाफ कोई तथ्य और साक्ष्य नहीं हैं.
*_बात शुरू होती है वाजपेयी सरकार से तब अटलजी के विशेष अनुरोध पर भारतीय वैज्ञानिकों ने ब्रम्होस मिसाइल तैयार की थी जिसकी काट आजतक दुनिया का कोई देश तैयार नही कर सका है। विश्व के पास अबतक ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नही जो ब्रम्होस को अपने निशाने पर पहुंचने से पहले रडार पर ले सके। अपने आप मे अद्भुत क्षमताओं को लिये ब्रम्होस ऐसी परमाणु मिसाइल है जो 8000 किलोमीटर के लक्ष्य को मात्र 140 सेकेंड में भेद सकती है। और चीन के लिये यह लक्ष्य भेदन क्षमता ही सिरदर्द बनी हुई है। न चीन आजतक ब्रम्होस की काट बना सका है न ऐसा रडार सिस्टम जो ब्रम्होस को पकड़ सके।_*_अटलजी की सरकार गिरने के बाद सोनिया के कहने पर कांग्रेस सरकार ने ब्रम्होस को तहखाने में रखवाकर आगे का प्रोजेक्ट बन्द करवा दिया जिसमें ब्रम्होस को लेकर उड़ने वाले फाइटर जेट विमान खरीदने फिर देश में तैयार करने की योजना थी जो अधूरा रह गया।
दस वर्षों बाद जब मोदी सरकार आई तब तहखाने में धूल गर्द में पड़ी ब्रम्होस को संभाला गया वह भी तब! जब मोदी खुद भारतीय सेना से सीधा मिले तो सेना ने व्यथा बताई कि हमारे पास हथियारों की बेहद कमी है कोई खरीद हो नहीं रही सिर्फ चर्चा ही करते हैं अंदर क्या खिचड़ी पकाते पता नहीं चलता है VVIP हेलिकोप्टर तुरंत फाईनल होते हैं_!
*_वर्तमान में ब्रम्होस को लेकर उड़ सके ऐसा सिर्फ एक ही विमान हैऔर वह है राफेल! जी हाँ दुनियाभर में सिर्फ राफेल ही वो खूबियां लिये हुए है जो ब्रम्होस को सफलतापूर्वक निशाने के लिये छोड़कर वापिस लेंड करके मात्र 4 मिनट में फिर दूसरे ब्लास्ट को तैयार हो जाये। मोदी ने फ्रांस से डील करके राफेल को भारतीय सेना तक पहुंचाने का काम कर दिया और यहीं से असली मरोड़ चीन और उसके पिट्ठू वामपंथियों को हुई। इसमें देशद्रोही पीछे कैसे रहते! जो विदेशी टुकड़ो पर पलने वाले गद्दार अपने आका चीन के नमक का हक अदा करने मैदान में उतर आये_*।
*खैर ..शायद भारतीय सेना और मोदी दोनों इस तरह की आशंका को भांप गये तो राफेल के भारत पहुंचते ही उसका ब्लेकबॉक्स सहित पूरा सिस्टम निकाला गया राफेल के कोड चेंज करके उसमें भारतीय कम्प्यूटर सिस्टम डाला गया जो राफेल को पूरी तरह बदलने के साथ उसकी गोपनीयता बनाये रखने में सक्षम था लेकिन बात यहीं नही रुकी राफेल को सेना के सुपुर्द करने के बाद सरकार ने सेना को उसे अपने हिसाब से कम्प्यूटर ब्लेकबॉक्स और जो तकनीक सेना की है उसे अपने हिसाब से चेंज करने की छूट दे दी। सेना ने छूट मिलते ही मात्र 48 घण्टो में राफेल को बदलकर रख दिया। और चीन जो राफेल के कोड और सिस्टम को हैक करने की फिराक में था वह हाथ मलते रह गया।*
*_और तब चीन द्वारा अपने पाले वामपंथी कुत्तों को राफेल की जानकारी लीक करके उसतक पहुंचाने का काम सौंपा गया. भारत भर की मीडिया में भरे वामपंथी दलालों ने राफेल सौदे को घोटाले की शक्ल देने की नाकाम कोशिश की ताकि सरकार या सेना विवश होकर सफाई देने के चक्कर में इस डील को सार्वजनिक करे जिससे चीन अपने मतलब की जानकारी जुटा सके पर सरकार और सेना की सजगता के चलते दलाल मीडिया का मुंह काला होकर रह गया तब! अपने राहुलगांधी मैदान में उतरे चीनी दूतावास में गुपचुप राहुलगांधी ने मीटिंग की उसके बाद राहुलगांधी ने चीन की यात्रा की और आते ही राफेल सौदे पर सवाल उठाकर राफेल की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग जोर शोर से उठने लगी।_*
*_पूरा मीडिया सारी कोंग्रेस की दिलचस्पी सिर्फ और सिर्फ राफेल की जानकारी सार्वजनिक कराने में है ताकि चीन ब्रम्होस का तोड़ बना सके पर ये अबतक सम्भव नही हो पाया जिसका श्रेय सिर्फ कर्तव्यनिष्ठ भारतीय सेना और मोदी जी को जाता है। चीन ब्रम्होस की जानकारी जुटाने के चक्कर में सीमा पर तनाव पैदा करके युद्ध के हालात बनाकर देख चुका है पर भारतीय सेना की चीन सीमा पर राफेल सहित ब्रम्होस की तैनाती देखकर अपने पांव वापिस खी खींचने को मजबूर हुआ था।
डोकलाम विवाद चीन ने इसीलिये पैदा किया था ताकि वह ब्रम्होस और राफेल की तैयारी देख सके ...इधर आप इसी राहुलगांधी को प्रधानमंत्री पद के योग्य समझ रहें हैं जो स्वयं और इसकी पार्टी के नेता हमारे दुश्मन देशों से गलबहियाँ करते हैं, और हमेशा हमारे भारत की गोपनीयता और सुरक्षा को शत्रु देश के हाथों उचित कीमत पर बेचने को तैयार बैठे रहतें हैं।
नेहरू ने भी लाखों किलोमीटर जमीन चीन को बेची थी और जनता समझती है हम युद्ध हार गये! आज ये राफेल और ब्रम्होस ही भारत के पास वो अस्त्र हैं जिसके आगे चीन बेबस हैं.
हाल ही में राहुल ने कैलाश मानसरोवर की छद्म यात्रा का भरम पैदा किया और चीन की एक बार फिर सैर कर आया।
दोस्तों ये सावधान रहने का वक्त है, जो राहुल गांधी भोले की आँखों में धूल झौंक सकता उसके लिए भारत और भारत धर्मी समाज क्या चीज़ है।
साभार :भाई जय प्रकाश जी की वाल से।
'राफेल मुद्दे पार राहुल की बदज़ुबानी '
बीजेपी ने कांग्रेस पर युद्धक विमान के सौदे को बर्बाद करने के लिये ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश’’ में शामिल होने का आरोप लगाया. भाजपा ने आरोप लगाया कि गांधी ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ में संलिप्त हैं. पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद इस ‘गठजोड़’ का हिस्सा हैं. इसका मकसद इस खरीद को नाकाम करना है. भाजपा ने दावा किया कि वाड्रा से जुड़ी फर्म को फायदा पहुंचाने के लिये कांग्रेस प्रमुख इस सौदे को नाकाम करना चाहते हैं.
राहुल होंगे भारत के अगले प्रधानमंत्री
भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने इस साजिश में पाकिस्तान की भूमिका का भी संकेत देते हुए कहा कि उसके एक नेता, पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक, ने ट्वीट भी किया है कि राहुल गांधी भारत के अगले प्रधानमंत्री होंगे.
वीडियो हो रहा है वायरल
आरोप-प्रत्यारोप का दौर बेहद तेजी से चला और कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया जिसमें दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को राफेल के अनुबंध में एचएएल के साथ ‘‘जिम्मेदारी साझा’’ करने के बारे में बता रहे थे, और संकेत दे रहे थे कि यह लगभग तय था. कांग्रेस ने दावा किया कि यह वीडियो मार्च 2015 का था, करार की घोषणा से महज कुछ दिन पहले का. हालाकि वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकी.
17 दिन में हुई डील
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा, ‘महज 17 दिन की अवधि में क्या हुआ क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मेगा डील से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को परित्यक्त करते हुए 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में 36 राफेल जेट खरीदने की घोषणा की.’
भाजपा का आरोपों से इंकार
पार्टी ने तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर का एक अन्य वीडियो भी जारी किया जिसमें वह आठ अप्रैल 2015 को एक संवाददाता सम्मेलन में यह कह रहे हैं कि एचएएल इस करार में है. भाजपा ने कांग्रेस के सौदे में कुछ गलत होने और रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने के आरोपों को खारिज किया .
सौदे को नाकाम करने की कोशिश
राफेल सौदे के लिये भारत सरकार के अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को साझेदार बनाने के लिये दसॉल्ट एविएशन को प्रस्ताव दिये जाने संबंधी ओलांद की टिप्पणी के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी और वह कैसे गठजोड़ के हिस्से के तौर पर जुड़े हैं, और इस सौदे को नाकाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं, इसे समझने की जरूरत है.’
गांधी साजिश में शामिल
शेखावत ने कहा कि सौदे को नाकाम कराने, देश को बदनाम करने और भारतीय वायुसेना का मनोबल गिराने के लिये एक साजिश की जा रही है. शेखावत ने आरोप लगाया कि गांधी ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ में संलिप्त हैं.
भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला
यह पूछे जाने पर कि क्या विदेश दौरे के दौरान राहुल गांधी की विदेशी नेताओं से मुलाकात इस ‘साजिश’ का हिस्सा है, उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से हां.’ इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से मुलाकात की व अरबों डॉलर के इस सौदे में कथित भ्रष्टाचार में मामला पंजीकृत करने की मांग की और कहा कि यह अब भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला बन गया है.
शहीदों का हक छीना गया
गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है जो फ्रांसीसी प्रकाशन ‘मीडियापार्ट’ वेबसाइट की एक रिपोर्ट से संबंधित है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘यह कमांडर इन थीफ़ के बारे में दुखद सच है.’ अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि देश के ‘चौकीदार’ मोदी ने गरीब शहीदों और जवानों से रूपये छीनकर उन्हें उद्योगपति अनिल अंबानी को दे दिया.
ओलांद की टिप्पणी सिर्फ एक संयोग
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाये जाने में अंतरराष्ट्रीय आयाम का भी आरोप लगाया और कहा कि ओलांद की टिप्पणी सिर्फ एक संयोग नहीं थी.
कांग्रेस के पास नहीं ठोस सबूत
जयपुर में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गांधी को एक ‘दिशाहीन नेता’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस प्रमुख और उनकी पार्टी को सत्ता में वापसी की कोई उम्मीद नहीं है इसलिये वे भाजपा सरकार के खिलाफ झूठ और अटकलों के आधार पर अभियान खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि गांधी के पास राफेल सौदे को लेकर सरकार के खिलाफ कोई तथ्य और साक्ष्य नहीं हैं.
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