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LORD AYYAPPA (पौराणिक मिथकीय वरिष्ठ देवता )



LORD AYYAPPA (पौराणिक मिथकीय वरिष्ठ देवता )

पंड्या राजवंश को तिरुमला नायकर ने खदेड़  दिया था। पंड्या साम्राज्य का विस्तार मदुराई ,थिरूवेनेली 

,रामनाथपुरम ,वल्लियूर ,तैनकासी  ,शेंगोत्ताह ,शिवगिरि तक था। राजा राजशेखर ने इस मिथकीय बालक की परवरिश की थी जो उन्हें शिकार के दौरान रोता बिलखता लावारिश अवस्था में  मिला था। 

कहते हैं आप मोहिनी रूप में विष्णु तथा भगवान् शिव के संयोग से अवतरित हुए हैं। इसीलिए इन्हें हरिहरन पुथिरण भी दक्षिण भारत में कहा गया है। यहां हरि का अर्थ विष्णु भगवान् तथा हर भगवान् शिव के लिए प्रयुक्त हुआ है। देवकुल का शीर्ष वरिष्ठ देव माना गया है भगवान्  अय्यप्पन को। 

 अय्यप्पन संयुक्त रूप है अय्यन और  अय्यप्पन का। ऐय्यन सीनियर यानी वरिष्ठ और अप्पन पिता को कहा जाता है।  अय्यप्पन हो गए देव कुल के सीनियर देव। 

पैदा होते ही इनके माता पिता ने इन के गले में सोने की एक नन्नी सी घंटी बाँध दी थी इसीलिए इन्हें मणि (स्वर्ण या हीरा )और कंडन (ग्रीवा )को मिलाकर मणिकंदन भी कहा जाता है। 

दर्शनाभिलाषियों को ४१ दिन तक सन्यासी सा जीवन जीना पड़ता है। हर चीज़ सात्विक होनी चाहिए इस दरमियान सोच से भी आचरण भी।यहां उपवास सिर्फ शरीर का नहीं है मन का भी है यानी मन उसके पास ही  वास करे जिसके दर्शन की इच्छा है। ये ही अर्थ है उपवास का। 
समझा जाता है तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम की मानिंद यह भी भारत की एक अतिसंपन्न विरासत का प्रतिनिधिक परिसर बना हुआ है जहां साल दर साल तकरीबन पांच करोड़ दर्शनार्थी पहुँचते हैं। 

हमारे रक्तरँगी भाइयों ने (लेफ्टीयों ,वामियों ,काम -रेड्डी भद्रपुरुषों )ने इसे राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। अपनी शेव बनाके ये साबुन भगवा विरासत पर फेंक रहे हैं। 

केरल ईसाई मिशनरियों द्वारा करवाए गए धर्मपरिवर्तन के लिए राजनीतिक हत्याओं के लिए भारत भर में कुख्यात है।कन्नूर जिले के  ऐशीमला (INA EZHIMALA ) में अपने दो साला प्रवास के दौरान मैंने वहां के राजनीतिक घटनाक्रम को नज़दीक से देखा है।सनातन धर्म का समूल नाश करने के लिए उतावले ये लोग महिलाओं को महिलाओं से लड़वा धकियाव् रहे हैं।     

The Pandya dynasty, which was ousted by Thirumala Naicker the ruler of the Pandya Empire spanning Madurai, Thiruveneli and Ramanathapuram resided in places such as Valliyur, Tenkasi, Shengottah and Sivagiri. King Rakashekhra, which was the foster-father of Lord Ayyappa belong to this dynasty.

LORD AYYAPPA WAS THE SON OF VISHNU & SHIVA

Lord Ayyappa is a very popular Hindu deity, which is mainly worshipped in South India. He is also spelt as Ayyappa. It is believed that he was born out of the union between Lord Shiva and the mythical Mohini, who is also regarded as an avatar of Lord Vishnu. Therefore, Ayyappa is also called as ‘ Hariharan Puthiran’ which means the son of both Hari or Vishnu and ‘ Haran’ or Shiva.

LORD AYYAPPA ALSO CALLED AS MANIKANDAN

Maniknanadan is the another name of Ayyappa because, according to the legend of his birth, his parents tied a golden bell also called as mani around his neck ( kandan ) soon after his birth. As legendary, when Shiva and Mohini abandoned the child on the banks of the Pampa River, the ruler of that dynasty, King Rajashekhara, the childless monarch belonging to Pandalam, adopted Ayyappa and accepted him as the divine gift.

THE DEIFICATION OF LORD AYYAPPA

The king understood the queens' bad nature against his son and begged Manikantan’s forgiveness. Then Manikntan left for the heavenly abode after telling the king to build a large temple at Sabari, so that the memories remain forever on the earth. The temple was constructed and Lord Parshuram sculpted the figure of Lord Ayyappa and installed it on the eve of Makar Sankranti. Thus in this way, Lord Ayyappa was defined.
King Rajasekara built the shrine and the sacred eighteen stairs leading to the temple complex was made. As he was in a dilemma for perplexing the task of placing Dharamasastha’s idol in the temple for darshan, he was reminded the words of Lord himself. The River Pampa known as Ganga, Sabarimala as holy as Kasi – Dharmasastha sent Parshuram, who made the land of Kerala holy from the bottom of the ocean to the Sabarimala and it was he who carved the figure of Lord Ayyappa.

THE WORSHIP OF LORD AYYAPPA

Strict religious adherence was practised by Lord Ayyappa to receive his blessings by the devotees. First of all, the devotees observe a 41-day penance before visiting him in the temple. They should also avoid any physical abstinence from physical pleasures and other family ties and should live like a celibate or ‘ brahamachari’. They should also continuously practice the goodness of life. Apart from the above, the devotees have to bathe in the holy river Pampa, and adorn themselves with three-eyed coconut and ‘aantha’ garland and then should bravely steep climb stairs of Sabarimala temple. 

THE FAMOUS PILGRIMAGE OF SABARIMALA


Sabarimala in Kerala is the most famous Ayyappa shrine and is visited by over 50 million devotees every year. It is one of the most famous pilgrimages in the world. Pilgrims from around the country visit this place to get the blessings of Lord Ayyappa

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