Skip to main content

राम मंदिर प्राथमिकता में नहीं होने की शीर्ष अदालत की टिप्पणी से हिंदू "अपमानित" हुए: संघ





राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी से हिंदू "अपमानित" महसूस कर रहे हैं कि अयोध्या का मुद्दा प्राथमिकता वाला नहीं है। संघ ने जोर देते हुए कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर कोई विकल्प नहीं रहा तो अध्यादेश लाना जरूरी होगा।

उत्तन (महाराष्ट्र): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी से हिंदू "अपमानित" महसूस कर रहे हैं कि अयोध्या का मुद्दा प्राथमिकता वाला नहीं है। संघ ने जोर देते हुए कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर कोई विकल्प नहीं रहा तो अध्यादेश लाना जरूरी होगा। संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा "अगर जरूरत पड़ी तो आरएसएस राम मंदिर के लिए आंदोलन शुरू करने में भी नहीं हिचकेगा, लेकिन मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने की वजह से कुछ सीमाएं हैं।" उन्होंने यह बात तब कही जब पूछा गया कि था कि क्या संघ राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 के दशक जैसा आंदोलन शुरू करेगा। जोशी ने यह भी कहा कि संघ अयोध्या में राम मंदिर के लिए 30 साल से आंदोलन कर रहा है। इस बीच भाजपा की सहयोगी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर संघ को लगता है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन शुरू करने की जरूरत है तो उसे नरेंद्र मोदी सरकार को गिरा देना चाहिए। 

Hindus feeling 'insulted' by SC, won't hesitate to launch agitation for Ram temple: RSS- India TV
Hindus feeling 'insulted' by SC, won't hesitate to launch agitation for Ram temple: RSS

अमित शाह, मोहन भागवत की राम मंदिर पर चर्चा
ठाणे जिले के उत्तन में संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर जोशी ने कहा कि संघ इसके लिए सरकार पर "कोई दबाव नहीं बना रहा क्योंकि हम कानून और संविधान का सम्मान करते हैं।" जोशी ने बताया कि आज सुबह यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की जिसमें अनेक मुद्दों के साथ राम मंदिर के विषय पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय का सम्मान करते हैं और उनसे अनुरोध करते हैं कि हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखा जाए।’’ संघ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘अदालत के फैसले का इंतजार लंबा हो गया है। चूंकि मामला 29 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, तो हमें लगा कि हिंदुओं को दिवाली से पहले खुशखबरी मिल जाएगी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई टाल दी।’’ उच्चतम न्यायालय ने 29 अक्टूबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुनवाई जनवरी, 2019 के पहले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। एक उचित पीठ सुनवाई का कार्यक्रम तय करेगी। 
न्यायाधीशों ने कहा- हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं
जब सालिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकील सी एस वैद्यनाथन ने क्रमश: उत्तर प्रदेश सरकार और रामलला की ओर पक्ष रखते हुए मामले में अपीलों पर जल्द सुनवाई की मांग की तो प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, ‘‘हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं। मामले में सुनवाई जनवरी में होगी, फरवरी में होगी या मार्च में होगी, यह उचित पीठ तय करेगी।’’ संघ पदाधिकारी जोशी ने कहा कि इतने लंबे समय से लंबित मुद्दे पर अदालत के फैसले का इंतजार भी लंबा हो गया है। उन्होंने कहा कि यह दुख और पीड़ा का विषय है कि जिसे हिंदू अपनी आस्था मानते हैं और जिससे उनकी भावनाएं जुड़ी हैं वह अदालत की प्राथमिकता सूची में नहीं है। 
हिंदुओं की भावनाओं का ध्यान रखते फैसला सुनाए
जोशी ने कहा कि संघ अपेक्षा करता है कि अदालत हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर फैसला सुनाए। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर निर्माण का रास्ता निकालने के लिए कानूनी मंजूरी जरूरी है। राम मंदिर के जल्द निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की संघ परिवार के अनेक संगठनों की मांग के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि यह सही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर और विकल्प नहीं बचते तो सरकार को इस विकल्प पर विचार करना चाहिए। यह सरकार पर निर्भर है।’’ हालांकि उसी समय उन्होंने यह भी कहा कि "जब तक उच्चतम न्यायालय मालिकाना हक पर निर्णय नहीं सुनाता तब तक सरकार के लिए कोई फैसला करना मुश्किल होगा।" 
उद्धव ठाकरे इस महीने के अंत में अयोध्या जाएंगे
मुंबई में उद्धव ठाकरे ने कहा कि मोदी सरकार ने संघ के पूरे एजेंडे को दरकिनार कर दिया है। वह राम मंदिर के समर्थन में इस महीने के अंत में अयोध्या जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा आरएसएस के हिंदुत्व पर सवाल उठाये जाने के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। सबरीमला विवाद पर जोशी ने कहा कि संघ मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी की मांग का समर्थन करता है। हिंदू धर्मस्थलों पर महिलाओं से भेदभाव का हम समर्थन नहीं करते, लेकिन कुछ मंदिरों की अपनी सीमाएं हैं और लोग सोच सकते हैं कि यह उनके अधिकारों के खिलाफ है। लेकिन लोगों को मंदिर के नियमों का पालन करना चाहिए क्योंकि लोगों की आस्था सर्वोपरि है।’’
संवैधानिक तरीके से हो राम मंदिर का निर्माण
केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने राम मंदिर को करोड़ों लोगों की आस्थाओं का प्रतीक बताया और कहा कि संवैधानिक तरीके से अदालत के आदेश, कानून बनाकर या बातचीत के जरिये मंदिर निर्माण होना चाहिए। संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने अपने बयान में कहा, ‘‘देश के करोड़ों लोग चाहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण हो। अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, तब प्रयास हुए थे कि दोनों पक्षों में बातचीत से मंदिर का निर्माण हो। इस बारे में बात आगे बढी भी थी।’’ उन्होंने कहा कि लम्बे समय से यह मामला अदालत में लंबित है और इसके कारण इस दिशा में ठोस काम नहीं हो सका है। गोयल ने कहा कि संवैधानिक तरीके से अदालत के आदेश, कानून बनाकर या बातचीत के जरिये मंदिर निर्माण होना चाहिए। विजय गोयल ने एक हैशटैग ‘इस दिवाली जलाओ एक दिया राम के नाम’ जारी किया। उन्होंने बताया कि यह अभियान तीन से सात नवंबर तक चलेगा और इसकी शुरूआत 5000 दीये जलाकर कर की जायेगी।
https://hindi.indiatvnews.com/india/national-hindus-feeling-insulted-by-sc-won-t-hesitate-to-launch-agitation-for-ram-temple-rss-608470?utm_source=samachar&utm_campaign=khabar_syn_feeds


Comments

Popular posts from this blog

ये महज इत्तेफाक नहीं कंसिस्टेंसी है लगातार कई बरसों में लोकप्रियता के भूमंडलीय पैमाने पर मोदी विश्वके सबसे लोकप्रिय जनप्रिय नेता बने हुए हैं

ये महज  इत्तेफाक नहीं कंसिस्टेंसी है लगातार कई बरसों में लोकप्रियता के भूमंडलीय पैमाने पर मोदी विश्वके सबसे लोकप्रिय जनप्रिय नेता बने हुए हैं मैं उनके तमाम चाहने वालों को बधाई देता हूँ। अपने आप को भी  न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली   Published by:  संजीव कुमार झा  Updated Fri, 03 Feb 2023 02:45 PM IST सार देश Morning Consult Report: व्यस्कों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत 16 देशों के दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। पीएम मोदी(फाइल फोटो)  - फोटो : पीटीआई Play 01:07 / 01:31 Follow Us विस्तार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए हैं। मॉर्निंग कंसल्ट (Morning Consult) की वेबसाइट पर जारी सूची में पीएम मोदी 78 फीसदी ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग के साथ टॉप पर हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत 16 देशों के दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिय...

सुबह खाली पेट ही गुड़ खाकर गर्म पानी पी लें, जड़ से खत्म हो जाएंगें ये 3 रोग

जयपुर, हमारे देश मे लोग मीठा खाना बहुत पसंद करते है। पुराने जमाने में लोग खाने के साथ गुड़ का जरूर सेवन करते थे। क्योंकि यह उनका एक अलग ही तरह का शौक था। लेकिन दोस्तों कुछ लोग ऐसे होते है जो चाहकर भी मीठा नहीं खा पाते हैं। क्योंकि उनके शरीर की बीमारियों के चलते  मिठाइयों  से परहेज करना पड़ता है। आयुर्वेद में अलग अलग बीमारियों के लिए अलग अलग चीजों का सेवन बताया है जिससे इंसान एकदम स्वस्थ रह सकता है। How Jennifer Looks Today is Jaw Dropping Healthy Life Design साथ ही अपने खाने का शौक भी पूरा कर सकता है। आयुर्वेद मे कुछ ऐसी चीजों का  विवरण दिया गया हैं। जिसके सेवन से शरीर के कई सारे रोग मिट जाते हैं। आज हम गुड़ की बात करेंगे। जो कई सारे रोगों का रामबाण ईलाज माना जाता है।  जिन लोगों के शरीर मे खून की कमीं हो उन लोगों को गुढ़ का सेवन अधिक करना चाहिए। क्योंकि इसमें आयरन की भरपूर मात्रा होती हैं। जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं।  अगर आप रोजाना खाली पेट गुड़ खाकर एक ग्लास गर्म प...

Supreme court refuses to put CAA on hold

शाहीन बाग़ से संविधान -शरीफ का पाठ  :काठ का उल्लू बने रहने का कोई फायदा ? नगर -नगर डगर- डगर हर पनघट पर  पढ़ा जा रहा है :संविधान शरीफ। ताज़्ज़ुब यह है ये वही लोग  हैं  जो केवल और केवल  क़ुरान शरीफ (क़ुरआन मज़ीद ,हदीस )के अलावा और किसी को नहीं  मानते -तीन तलाक से लेकर मस्जिद में औरत के दाखिले तक। ये वही मोतरमायें हमारी बाज़ी और खालाएँ जो हाथ भर का बुर्क़ा काढ़ लेती हैं घर से पाँव बाहर धरने से पहले।   कैसे हैं ये खुदा के बन्दे जो जुम्मे की नमाज़ के फ़ौरन बाद हिंसा में मशगूल हो जाते हैं -नागरिकता तरमीम क़ानून के खिलाफ।  कितना कौतुक होता है जब तीन साल की बच्ची से कहलवाया जाता है :आज़ादी आज़ादी लेके रहेंगे आज़ादी ज़िन्ना वाली आज़ादी। इस बालिका को क्या इसके वालिद साहब और अम्मीजान तक को इल्म नहीं होगा जिन्ना आखिर कौन था फिर वह तो पाकिस्तान चला गया था। (आप लोग भी आज़ाद हैं वहां जाने के लिए ). सब जानते हैं बंटवारा देश का उसी ने करवाया था यह कहकर मुसलमान हिंदू भारत के साथ नहीं रह सकता है। कितने ही उनके साथ चले भी गए थे।  उनकी मृत्यु ...