अपशिष्ट राजकुमार ने चोरी की एक अभिनव शैली ,नै परम्परा आरम्भ की है जिसने चोर और चोरी को ,चौर्य को एक नै परवाज़ दी है।
कुछ बानगियाँ देखिये :
चोरी करो और भाग खड़े होवो शोर मचाते हुए पकड़ो -पकड़ो चोर -चोर
इस ज़मानती को अब जबकि राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है ,राफेल सौदा निर्मल निष्पक्ष ,साफ़ -सुथरा साबित हो चुका है संसद से सिर्फ माफ़ी ही नहीं शीर्षासन करते हुए माफ़ी मांगनी चाहिए -भारतीय परम्परा में क्षमा का बड़ा माहात्म्य है। क्षमा को धर्म का एक गुण बतलाया गया है। राजनीति के इस राहु को यह तस्दीक करना चाहिए -"हाँ मैंने भारतीय संसद के सामने झूठ बोला अपने देश को बदनाम किया ,साथ में मैंने फ्रांस के राष्ट्रपति को भी नहीं बख्शा। मैं अपनी करनी पर शर्मिन्दा हूँ। "
संत स्वरूप प्रधानमन्त्री को बारहा मैंने चोर कहा उस पर मैं तहे -दिल से शर्मिन्दा हूँ। तहे दिल से माफ़ी चाहता हूँ।
डोकलाम लाम विवाद के समय भी मुझसे गलती हुई मैंने चीनी राजदूत से गुपचुप मुलाकत की। उसके लिए भी मैं शर्मिंदा हूँ।
भारत धर्मी समाज यही चाहता है आप एक अच्छे सशक्त जानदार युवा विपक्ष की भूमिका निभायें।
भारतधर्मी समाज इस राजकुमार को माफ़ कर देगा इसके संग ही तमाम खड़गे -फड़गे -सुरजे -सिब्बल आप से आप सीधे हो जाएंगे।मुर्दों का कफ़न सीने वाले भाजपा को मुर्दों की पार्टी कहने वाले मुर्दों को याद करना छोड़ भूमिगत हो जायेंगे।
भारतीय प्रतिरक्षा के लिए राफेल की उपलब्धि एक ऐसी भेंट साबित होगी जो चीन को अपनी सीमाएं निर्धारित करने के लिए विवश कर देगी। यह हमारी प्रतिरक्षा व्यवस्था की एक रीढ़ साबित होगा।
भूल जाएँ राहुल अगर कोई मुगालता हो वह अपनी मगरूर अम्मा के साथ मिलकर इस देश का एक और विभाजन करवा देंगे। भारत धर्मी समाज २०१९ में दूध का दूध और पानी का पानी कर देगा।
विशेष :
सुरजा जिसका कोई भी अपना नहीं है पुर्जा ,और इनके आका और उनकी अम्मा न सुप्रीम कोर्ट की मानते हैं ,न चुनाव आयोग की ,न चुनावी ईवीएम्स की ,संसद में ये हुल्लड़ करेंगे ,ये हुल्लड़ी चीन की मानते हैं ,आईएसआई की मानते हैं इसीलिए राहु -राजनीति के चीन आते -जाते रहते हैं पाकिस्तान अपने आदमी भेजते रहतें हैं। इनका विरोध मोदी से उतना नहीं है जितना इस देश की संविधानिक संस्थाओं से है जिनके साथ छेड़खानी की शुरुआत इनकी दादी ने १९७५ में ही कर दी थी।
भारत धर्मी समाज को इन विखंडनवादी मवालियों की शिनाख्त कर लेनी चाहिए। २०१९ में इनका तरपण मतदान के ज़रिये करने की जरुरत है।
'झूठा गैंग' के सरदार और उनके खड़गे झूठ बोलते हैं झूठ के सिवाय और कुछ नहीं। कोर्ट में क्यों नहीं जाते कोर्ट से मांगे उस रिपोर्ट की कॉपी जिसपे हायतौबा मचा रखी है।वरना समझा जाएगा इन्होने डिब्बे का ही दूध पीया है सबने।
सन्दर्भ -सामिग्री :
Comments
Post a Comment