राफेल मुद्दे पर भाजपा अब बड़ा पलटवार करने जा रही है। वह 17 दिसंबर अर्थात सोमवार को देश में सत्तर प्रमुख स्थानों पर प्रेस कांफ्रेंस कर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ और सरकार के खिलाफ साजिश करने के मुद्दों पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करेगी। इस अभियान में कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे।
भाजपा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा, सोमवार को जब कांग्रेस तीन राज्यों में सत्ता संभाल रही होगी, तब भाजपा देशभर में कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रही होगी। उन्होंने कहा, इसके बाद भी भाजपा के कार्यक्रम जारी रहेंगे। कांग्रेस के झूठ और उसकी असली चेहरे को जनता के सामने उजागर किया जाएगा। गौरतलब है कि राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद भाजपा हमलावर हो चुकी है।
मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री समेत कई नेता संभालेंगे मोर्चा
भाजपा के इस देशव्यापी प्रेस कांफ्रेंस के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुवाहाटी में, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत शिमला में, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवरदास रायपुर में, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल अगरतला में, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस अहमदाबाद में, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी जयपुर में, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर रोहतक में, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लखनऊ में, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पटना में, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भोपाल में, प्रकाश जावड़ेकर हैदराबाद में, निर्मला सीतारमन मुंबई में, वी.के. सिंह इलाहाबाद में, जगत प्रकाश नड्डा त्रिवेंद्रम में, जितेंद्र सिंह चंडीगढ़ में, बी.एस. येद्दयुरप्पा बेलगाम में, राम माधव चेन्नई में, भूपेंद्र यादव रांची में, श्रीकांत शर्मा कानपुर में और सिद्धार्थनाथ सिंह झांसी में कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
जेटली ने कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को घेरा
इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पार्टी के मोर्चों की लोकसभा चुनाव की तैयारी की शुरुआत करते हुए कांग्रेस व उसके साथ खड़े दलों पर करारा हमला बोला।
जेटली ने भाजपा के युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस, बसपा और तेलुगुदेशम जैसे क्षेत्रीय दलों को अवसरवादी करार दिया। उन्होंने कहा, ये दल राजनीतिक रूप से घूमते-फिरते रहते हैं। इनका गैर कांग्रेस राजनीति के नाम पर भाजपा के साथ गठबंधन था और धर्मनिरपेक्षता के नाम पर ये कांग्रेस के साथ हैं। उनका गैर कांग्रेस भी एक सिद्धांत है और धर्मनिरपेक्षता भी सिद्धांत बन गया है। दोनों स्थितियों में ये दल अपने सिद्धांत गढ़ लेते हैं।
Comments
Post a Comment