राहुल गांधी की बयाबबाज़ी के पीछे अनिल अम्बानी का हाथ है ?क्या कहना है Newsloose.com का जानिये(Part II )
अनिल अम्बानी क्यों लगवा रहे हैं आरोप ?
सूत्रों के मुताबिक़ दरअसल अनिल अम्बानी को उम्मीद थी कि राफेल सौदे में उनके हाथ मोटा हिस्सा लगेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मोदी सरकार ने राफेल सौदे को इस तरह से डिज़ाइन किया है कि देश की कमसे कम ६० से ७० कंपनियों को काम मिले। ताकि ज्यादा संख्या में रोज़गार पैदा हो सके। ३० हज़ार करोड़ के आफसेट सौदे में से अनिल अम्बानी की कम्पनी का हिस्सा सिर्फ ८५० करोड़ का है। तकनीकी रूप से इसका भी आधा हिस्सा यानी ४२५ करोड़ ही रिलायंस लगाएगी। अनिल अम्बानी की उम्मीदों के हिसाब से देखें तो ये बेहद मामूली है। लिहाज़ा अनिल अम्बानी ने राफेल सौदे को ही खटाई में डालने की कोशिश शुरू कर दी। उनके इनपुट्स के आधार पर ही राहुल गांधी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।अनिल अम्बानी ने राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं पर जो मानहानि के मुकदमें किये हैं वो इसी मकसद से किए ताकि किसी को शक न हो। वैसे भी राहुल के आरोपों से अनिल अम्बानी का तो कोई नुकसान नहीं होगा ,उलटे मोदी सरकार की छवि को नुकसान ज़रूर पहुँच सकता है।
(ज़ारी )
अनिल अम्बानी क्यों लगवा रहे हैं आरोप ?
सूत्रों के मुताबिक़ दरअसल अनिल अम्बानी को उम्मीद थी कि राफेल सौदे में उनके हाथ मोटा हिस्सा लगेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मोदी सरकार ने राफेल सौदे को इस तरह से डिज़ाइन किया है कि देश की कमसे कम ६० से ७० कंपनियों को काम मिले। ताकि ज्यादा संख्या में रोज़गार पैदा हो सके। ३० हज़ार करोड़ के आफसेट सौदे में से अनिल अम्बानी की कम्पनी का हिस्सा सिर्फ ८५० करोड़ का है। तकनीकी रूप से इसका भी आधा हिस्सा यानी ४२५ करोड़ ही रिलायंस लगाएगी। अनिल अम्बानी की उम्मीदों के हिसाब से देखें तो ये बेहद मामूली है। लिहाज़ा अनिल अम्बानी ने राफेल सौदे को ही खटाई में डालने की कोशिश शुरू कर दी। उनके इनपुट्स के आधार पर ही राहुल गांधी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।अनिल अम्बानी ने राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं पर जो मानहानि के मुकदमें किये हैं वो इसी मकसद से किए ताकि किसी को शक न हो। वैसे भी राहुल के आरोपों से अनिल अम्बानी का तो कोई नुकसान नहीं होगा ,उलटे मोदी सरकार की छवि को नुकसान ज़रूर पहुँच सकता है।
(ज़ारी )
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