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कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना

कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना 
एक अधीर रंजन जी हैं कौन सी पार्टी या दल के हैं हमें नहीं मालूम। बहरसूरत नेहरू कांग्रेस की सोनिया जी को इंगित करके कई लोग इधर पूछ रहें हैं इन्हें सोनिया जी ने कहाँ से पकड़ा। अपनी जिज्ञासा का शमन करने के लिए हमने इनके विषय में भारत धर्मी समाज के मुखिया आचार्य नंदलाल मेहता वागीश जी (विचारक एवं पूर्व में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के फेलो )से बात की तो उन्होंने बतलाया :

अधीर रंजन नाम के किसी शख्स ने   पूर्व रक्षामंत्री  और वर्तमान केंद्रीय सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीता रमन के बारे में कहा है वह अबला हैं। ऐसा कहकर उन्होंने न सिर्फ महारानी रानीलक्ष्मी बाई ,ज्योतिबा फुले ,कस्तूरबा गांधी और  हीरा बेन का अपमान किया है दुर्गा की उपाधि से विभूषित इंदिरा प्रिय दर्शनी (नेहरू) गांधी को भी अपमानित किया है। लगता है अधीर की नज़र में फिलवक्त एक ही सबला है सोनिया मायनो उर्फ़ सोनिया गांधी। सोनिया जी यदि उनका गला भी पकड़ लें तो यकीन मानिये ये ज़नाब कहेंगे वाह क्या गला दबाया है गले में दर्द था ठीक हो गया। 
ये ज़नाब आजकल उतने ही मुखर हैं जितना के कभी राज ठाकरे साहब थे। आपने कहा बताया है यदि नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन बन गया तो गुजराती नरेंद्र दामोदर मोदी ,अमित शाह घुसपैंठिऐ घोषित कर दिए जाएंगे। इसी तर्क यदि आगे बढ़ाते जाएं तब तो -ज़नाब अधीर की निगाह में गुजरात के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ,मोहनदास कर्म चंद गांधी ,भी घुसपैठिये  माने जाएंगे  . नेहरुवियन कुनबा पूरा का पूरा मय मोतीलाल नेहरू घुसपैंठिया मान लिया जाएगा। 
प्रकारांतर से वह यह कहना चाहते हैं :सोनिया जी भी  घुस पैठिया हैं उनकी मजबूरी ये है वह देश की एकल सबला  के बारे में  ऐसा खुले आम कह नहीं सकते। बहरसूरत सोनिया जी को उनके मन की बात उनकी मंशा समझ जाना चाहिए। 

कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना 

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