केजरीवाल का नया राष्ट्रवाद :जो किसानों का साथ देगा ,वह राष्ट्र भक्त और जो किसानों का विरोध करेगा ,वह देश का गद्दार होगा
केजरीवाल का नया राष्ट्रवाद :जो किसानों का साथ देगा ,वह राष्ट्र भक्त और जो किसानों का विरोध करेगा ,वह देश का गद्दार होगा -अरविन्द केजरीवाल (जींद में महा पंचयात को सम्बोधित करते हुए व्यक्त करते हैं ये उदगार )
प्रकारांतर से केजरीवाल खुद को राष्ट्र भक्त कह रहें हैं -स्वयं घोषित राष्ट्र भक्त
पूछा जा सकता है कौन से किसानों का आप ज़िक्र कर रहें हैं -मई दो हज़ार में किये गए एक आकलन के अनुसार देश भर में तकरीबन सोलह करोड़ साठ लाख किसान हैं।
हरियाना पुलिस विभाग के आकलन के अनुसार फिलवक्त तकरीबन चालीस हज़ार एजेण्डाई किसान दिल्ली की सीमाओं को रोके हुए हैं।
ये वही कथित हलधर हैं जो आज आम औ ख़ास को मैयत में श्रृद्धांजलि सभाओं में जाने से रोक रहें हैं।
विचारणीय प्रश्न (दूसरा संपादकीय ,दैनिक जागरण ५ अप्रैल अंक पृष्ठ ४ )एक बेहद संवेदन शील मुद्दे को पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से उठाता है जैसे कालांतर में पूरब पश्चिम बन जाता है ,पश्चिम पूरब ,पृथ्वी भी अपने ध्रुवों की अदला बदली कर लेती है उत्तरी ध्रुव दक्षिणी तथा दक्षिणी उत्तरी बन जाता है वैसे ही आज तो सत्ता पक्ष में हैं कल विपक्ष में आ जाएंगे इसलिए कुछ सामाजिक मुद्दों को राजनीति से परे रखा जाना बेहद ज़रूरी है। प्रिय जनों की मौत ऐसा ही एक मुद्दा है। संत कबीर कह गए हैं :'हरियाणा एक हरियाणवी एक '-के नारे के साथ माननीय ने जो सरकार में व्यवस्थागत सुधार किये हैं वह एक वर्ग विशेष के गले नहीं उतर रहे।इसीलिए ये सब प्रायोजित तमाशा किया जाता है ,कम एजेंडाई टिकैत सोच के किसान भी नहीं हैं ,सरे आम व्यवस्था को भदेस चुनौती देते आये हैं ये छद्म किसान आंदोलन के नाम पर।
लाल किले को घायल करने वाले यही लोग थे दिल्ली की सीमाओं से सटे गाँवों के लोगों का इन्होनें जीना मुहाल कर दिया है। उद्योग धंधे चौपट हो चुकें हैं पटरीवाले अपने मूल निवास स्थानों को लौट रहें हैं आखिर कब तक ये अजेंडाइ किसान दिल्ली की धमनियों को अवरुद्ध किये रहेंगे।
दुर्भाग्य पूर्ण है दिल्ली के लायक मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इन्हें पहले दिन से टेका लगाए हुए हैं। देखा है आपने ऐसा दूसरा मुख्यमंत्री जो अपने ही राज्य के लोगों की आज़ादी छीन ले ,लोगों का आना जाना बाधित करने वालों के साथ साज़िश में शरीक हो जाए। देश के प्रतीकों को अपमानित करने वालों की ढाल बन उन्हें देश -भक्त का औधा दिलवाने की एक तरफ़ा घोषणा कर दे। मैं वीरुभाई बुलन्दशहरी ऐसे मुख्यमंत्री का सरयू तट पर तर्पण करता हूँ।
https://www.youtube.com/watch?v=uIDFL83RYlY
विशेष : सुना आपने आत्मश्लाघा से ग्रस्त इस आदमी को ,पता चली इसकी पीड़ा -इसकी शक्तियां कम हो गईं -इसे चाहिए दिल्ली पुलिस ,किसानों का मंच अपनी छवि चमकाने के लिए ,समझने वाले समझ गए ना समझे वो भोला भाला असली किसान (अजेंडाइ टिकैत नहीं। उसका तो खुद पूर्ण राजनीतिकरण हो चुका है अब नेहरू की तरह आलमी बनने की ताक में है,देश की साख ,भूखा नंगा आत्महत्या करने को विवश किसान जाए भाड़ में। ).
Comments
Post a Comment